रोना क्यों, जब जुदाई में भी तेरा साया बाकी है?
तेरे कदमों के निशान, मेरे दिल की राह में बिछे हुए हैं।
तुझे ढूँढा मैंने हर ख्वाब में, संयोग नहीं, ये मेरी चाहत की तलाश थी,
तेरी यादों का आँगन, मेरी रूह में बसा हुआ है।
दुनिया कहती है, मिलन तो किस्मत की बात है,
पर मेरी मोहब्बत, तेरे नाम की इबादत है।
तेरी हँसी की गूँज, मेरे जीवन का संगीत बन गई,
तेरी हर बात में छुपा, मेरे दिल का हर राज़ थी।
हम ने खोजा एक दूजे को, न केवल राहों में, बल्कि अपने ख्वाबों में भी,
तेरा वजूद, मेरे वजूद का हिस्सा बन गया।
सोचा था, तेरा साथ मेरी ताकत है, पर हकीकत में,
हम दोनों, अपनी-अपनी दुनिया में खोए हुए थे।
बीते लम्हों में तेरी आवाज़ की गूंज सुनता हूँ,
हर ठंडी हवा में तेरा एहसास महसूस करता हूँ।
तेरी यादों की बारिश में भीगता रहता हूँ,
और हर चाँदनी रात में तुझे पुकारता हूँ।
दुनिया की नज़रों में तो हम साथ थे,
पर दिल के किसी कोने में, हम कब का बिछड़ चुके थे।
तेरी यादों का कारवाँ, मेरे सपनों में चलता रहता है,
और हर खाली पल में, तेरी कमी का एहसास दिलाता है।
तेरे जाने के बाद भी, तेरी यादें मेरी सांसों में बसी हैं,
तेरी मुस्कुराहट मेरी रातों का चाँद है, और तेरी आवाज़ मेरे सुबह की रोशनी।
तू चली गई, पर तेरे प्यार की मिठास, आज भी मेरी जिंदगी में घुली हुई है।
तेरी यादों की गलियों में, मेरी तन्हाई के कदम चलते हैं,
और तेरे बिना हर खुशी, अधूरी सी लगती है।
लेखक : कुमार
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