अपने आप को खोजते, कितने भटक गए अनजान राहों में,
इस विशाल दुनिया में, हर किसी को संपूर्ण जहान नहीं मिलता।
चंद खास रूहें, जीवन के अथाह रहस्य समझ पाते हैं,
परिश्रम से सब प्राप्त होता' - यह सभी का मानना,
लेकिन कुछ गहराइयां परिश्रम की परिधि से भी परे होती हैं।
जीवन एक अनूठा खेल है, जिसमें हम सभी मात्र खिलाड़ी,
न खेल में शुद्धता, न ही कपट की सीमा,
खिलाड़ी का कौशल ही, खेल की सच्चाई बनता।
कोई खेल में पारंगत होता, कोई प्यार में हारता,
कुछ नियमों को तोड़, खेल में अपनी महानता की खोज में।
इस जीवन यात्रा में, कई सपने अधूरे रह जाते,
अनगिनत प्रेम कहानियाँ अधूरी, कई रिश्ते अनकहे बिखर जाते।
सफलता की झिलमिलाहट में, अक्सर असफलता के गहरे छिप जाते,
जीवन के इस मेले में, हर कोई अपनी तकदीर आजमाता।
समय की अविरल धारा में, कुछ निरंतर प्रवाहित होते,
कुछ गिरते तारों की तरह, अनंत से पतन को प्राप्त होते।
सुख-दुख के इस खेल में, प्रत्येक अपनी बाजी खेलता,
जिंदगी के इस चक्र में, कोई राजा, कोई प्यादा बन जाता।
अंततः, जीवन के इस खेल में, प्रत्येक को अपनी बारी मिलती,
जीत-हार की इस चौसर में, हर कोई अपनी कथा रचता।
जीवन की इस भूलभुलैया में, हर किसी का अपना सफर होता,
जो भी मिला, उसी में, हर कोई अपना संसार सजाता।
लेखक : कुमार
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