ज़िन्दगी अपने आप में एक पहेली है,
जितना उसे सुलझाओ उतना ही ये उलझेगी।
उलझन तो होगी, कलेश तो होंगे,
उलझन सिख बन जाये तो स्वर्ग है यही,
उलझन अगर बोझ बन जाये तो नरक है यही।
संसार उलझन में भी सुकून को ढूँढ ले,
वो ही है सबसे बड़ा संत।
क्योंकि वही असली संत है जो उपरवाले के दिए हर सवाल का जेहल रहा है,
न कि बाकी संतों के जैसा संसार को त्याग के सवाल कम कर लिया है।
तुम ही हो जो हर सवाल से लड़ रहे हो,
और हर परिस्थिति में जीतने की उम्मीद से लड़ते हो।
हर राह पर अनजाने मोड़ आएंगे,
जिन्दगी के इस सफर में तूफान भी खड़े होंगे,
पर हर तूफान के बाद शांति का सवेरा,
जीवन की इसी उलझन में छिपा है जीवन का बसेरा।
हर खुशी, हर गम का अपना मतलब है,
जीवन के इस संग्राम में हर लड़ाई का सबब है,
जो मिला है उसे संजो कर रखो,
जो खोया है उसे स्मृति में बसा कर रखो।
जीवन की इस कशमकश में,
हर दिन एक नयी सीख है,
जीत न सही, हर कोशिश में,
एक नई राह की झलक है।
इस उलझन भरी जिन्दगी में,
जो सुकून खोज ले वो सच्चा इंसान,
जो जीवन की हर चुनौती को स्वीकार करे,
वो ही सच्चा महान।
लेखक : कुमार
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