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"आधुनिकता की चालों में खोते विश्वास और जीवन के अदृश्य चमत्कार, भरोसे की अनछूई राहत की खोज"

Updated: Sep 8, 2023



आज कल इंसान बहुत होशियार बन गए हैं,

वह हर चीज़ को खोज रहे हैं मोबाइल में, जो उसे चाहिए।

चाहे वो चीज़ हो या इंसान हो, हर नए रिश्ते में और हर वस्तु में,

अपने लाभ को सबसे आगे रख रहे हैं।


आज के दिन मोबाइल फ़ोन की दुनिया में,

कुछ भी खो जाना असंभव सा है,

हम हर चीज़ की जाँच करते हैं और उसके समीक्षा पढ़ते हैं,

खाने के होटल जाने से पहले उसके बारे में भी

दूसरों की राय खोज के फिर जाते हैं।


मोबाइल की रोशनी में, खोना कठिन सा हो गया,

जहाँ हर समीक्षा, हर राय का महत्व है।

अगर अनुभव की जगह, दूसरों की राय बने मार्गदर्शक,

तो खुद अनुभव का मजा खोता जा रहा है।


सोशल मीडिया के जाल में, सब कुछ प्रदर्शित होता,

वास्तविकता और अभिवादन, दोनों भूले जाते।

जहाँ 'लाइक' और 'शेयर' की चक्कर में जीवन बीतता,

वहाँ मनुष्य अपनी मौलिकता से अनजान होते जा रह जाता।


अगर हम सिर्फ दूसरों की राय पर अपने चुनाव करते रहेंगे,

तो आश्चर्य की अर्थ ही मिट जाएगा ,जो हमें बिना बताए मिलना था, वो खो जाएगा।

वह अद्वितीय खाना, जो हमें पसंद आ सकता था,

उसे छोड़ कर, हम सब कुछ वही खाकर आ जाएंगे,

जिसे सब खाके वह वह किये है।

और साथ लौटेंगे लेकर एक झूठी संतोष का आभास।


मैं आधुनिकता के खिलाफ नहीं हूँ, बस मुझे यह नाफ़रत है,

कि हम आदर्शों को जबरदस्ती बदलने का प्रयास कर रहे हैं,

जो हमें कुछ नया आजमाने का मौका नहीं दे रही है ये दुनिया।

बस, वही लोग जो खरीद चुके हैं, उन्ही नक़ल कर रहा हु मैं

उन्ही चीज़ों को खरीद कर।


जहाँ बदल गई हैं मौलिकता की परिभाषा,

जहाँ मोहब्बत भी आजकल बन गई है व्यापार।

जिसमें दिखावा और भ्रांतियां हों मार्गदर्शिका,

वहाँ सच्चाई का पता लगाना बनता है दुर्लभ चारा।


आज के दिन शादी दो दिलों के मिलन से अधिक,

दो बैंक खातों के मिलन का दौर हो रहा है,

ताकि वे दोनों इन बैंकों के कर्ज को आसानी से चुका सकें,

और वे बैंकों की गुलामी में, एक दूसरे के साथ झूठी प्यार के साथ,

रिश्तों को आगे बढ़ा सकें।


यदि कोई विश्वास और भरोसा करता रहे,

हर पल चमत्कार से उसकी आँखें मिलती रहे।

अधिकतर हम भूले जाते हैं जीवन की रह-रह,

जो अदृश्य है, वही अद्भुत की राहत है।


सिर्फ इसलिए कि हमने भरोसा खो दिया,

हमारे जीवन से चमत्कार धीरे-धीरे गायब हो गया।

चमत्कारों की जो चीजें हम अब नहीं पहचानते,

वही जीवन के अद्भुत पल जो हम अनदेखा कर जाते।

विश्वास रखो, हर समय, हर घड़ी में,

जीवन में हर चमत्कार को अपनी बाहों में समेटो।


चमत्कार की जो बात है, वह सच है मेरे दोस्त,

विश्वास और भरोसे में ही है उसकी मेहमानी।

दुनिया के जड़ों में छुपे हैं अनगिनत राज,


क्षमता की खोज में हम चलते जाएं बिना विराम।

विश्वास के बिना, सब कुछ अधूरा सा लगे,

भरोसे की रोशनी में ही है जीवन का सहारा।


अतः, विश्वास रखो और भरोसा बनाए रखो,

तुम्हें हर पल, हर दिन, चमत्कार से मिलाएगा।


कुमार

www.lifescripted.org




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