जिंदगी की इस बेहद लम्बी सड़क पर, मंजिल का नाम सिर्फ एक रुख है।
हर कदम पर नई कहानी मिलती है, जिसमें हर बार खोज है, एक नया मुक़ाम है।
जो सपने हम आंखों में पलते हैं, कुछ टूट जाते हैं, कुछ बुनते चले जाते हैं।
लेकिन उस टूटने और बुनने में ही, जिंदगी के असली रंग और अहसास समाहित है।
हर रास्ते की अपनी बोली है, अपनी गूंज है, अपनी खामोशी है।
जो खोजता है, उसे हर मोड़ पर, जिंदगी की एक नई कहानी मिलती है।
ये सफर जिसे हम मंजिल कहते हैं, वो सिर्फ एक खयाल है, एक अहसास है।
जो मिल जाए तो खुशी, ना मिले तो भी, उस सफर की यादें हमें अच्छी लगती हैं।
आसमान की इस बेहद खूबसूरती में, जब रास्ते अपनी बातें सुनाते हैं।
हर शख़्स की कहानी सुनकर, हमें लगता है कि हर सफर में कुछ खास बातें छुपी होती हैं।
इसलिए, अगर तुम्हें जिंदगी से मोहब्बत है, तो सफर से भी प्यार करो।
क्योंकि जिंदगी का असली मजा, उस सफर में ही है, जिसमें हर कदम पर एक नयी कहानी छुपी होती है।
हर सफर जो आप तय करें, ये जरूरी नहीं कि मंजिल हो उसका।
कुछ सफर जिंदगी के सिर्फ सफर की मजे लेने के लिए ही होते हैं।
थोड़ा हंसने के लिए होते हैं, थोड़ा दुनिया देख लेने को होती है।
चार लोगों से दिल की बात कहने के लिए होती है।
आने वाले अगले पल का पता नहीं है हमें।
ज़िन्दगी के इस सफर में बहुत कुछ छूना भी है, दर्द भी सहा है, मिलकर भी खो दिया है।
सपने जो देखे थे, उनमें से कुछ टूट भी गए, पर उस टूटने में भी एक अनूठा सुख छूपा है।
अनजान रास्तों पे जाकर क्या हासिल है,जब अपने ही रास्ते भूल जाएं।
सोचना यह है कि जिंदगी के सफर में, हर कदम पे एक नयी सीख छुपी है।
फिर लम्बे सफर में मंजिल की तलाश है हमको,क्या मिला आंत में मंजिल को पाकर,
जब सफर का ही मजा नहीं लिया अपने।
मंजिलें तो आएंगी और जाएंगी, सफर ही तो है जो याद रहेगा।
जो भी मिले, चाहे अच्छा हो या बुरा, हर एक लम्हा कुछ कहेगा।
सो चलो सफर का लूं फ़ायदा,मंजिलों के चक्कर में न खो जाएं।
क्योंकि जिंदगी का असली मजा, उस सफर में ही है जो बिना मंजिल के भी खूबसूरत है।
सफर का मतलब सिर्फ दूरियां तय करना नहीं,ये भी तो हो सकता है दूरियों से कुछ जाना हो।
कहीं भूला दिया खुद को, तो कहीं खुद को पाया,सफर ने हमें सिखाया, जीने का नया तरीका भी।
हर सुबह नए आसमान से, हर शाम नई ज़मीन से,सफर ने हमें बांधा है, अपने अनोखे रिश्तों में।
मिले जो लोग रास्ते में, वो भी थे कुछ ख़ास लोग,उनकी यादें भी हैं एक कीमती हिस्सा, इस सफर की दास्तां में।
हर कदम पे एक मकाम है, हर मोड़ पे एक इम्तिहान है,सफर तो सिर्फ एक ज़रिया है,
ज़िंदगी का असली मकसद तो और भी है। मतलबी दुनिया से दूर, सफर में,
हमने पाया खुद को, और खो दिया दुनिया को।
जिस दिन से समझा मैंने, सफर ही जिंदगी है,तब से हर पल मुझे लगने लगा है, जैसे एहि मकसद है इस ज़िन्दगी का
सो चलो बदलते हैं रास्ते, लेकिन नहीं बदलेंगे हम,क्योंकि जिंदगी का असली मज़ा, सिर्फ सफर में ही है।
लेखक :कुमार
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