Poems / कविता संग्रह
मुझमें तुम छाये हो….
मुझमें तुम छाये हो….
मुझमें तुम छाये हो या मैं तुम्ही में डूबा हूँ,
रहा नहीं मेरा दिल मुझ में, रहता है तेरे दिल में।
दिल तो दिल है, ना मुझे समझ रहा है या तुझमें डूबा है,
तू साथ है तो जहाँ थम सा गया है, धड़कन भी थम से गई है।
मुझ में मैं नहीं हूँ, बस तुझ में हूँ।
रातों को नींद नहीं है, बस तेरी यादों में ही सुबह हो रही है।
क्यों ये रातें इतनी छोटी हुई हैं, दिन के इंतज़ार में।
सूरज में मैं तुम, चाँद में भी तुम, बस तुम्ही हो हर जगह।
जागे से सोए हैं, या सोके जग रहे हम, बस तेरी यादों में रह रहे हैं हम।
मुझमें तुम छाये हो या मैं तुम्ही में डूबा हूँ,
कहानी इस दिल की, तेरे ही दिल में बस उभरा हूँ।
इस दिल का सूरमा, तूफानों में भी खुदी बसा है,
तू है मेरी सहेली, तू है मेरी मधुशाला, तू ही मेरी राह।
मैं नहीं हूँ यहाँ, बस तू ही मेरा अस्तित्व है।
जगमगाती रातें, तेरी ख़्वाबों में खोई हैं सुबहें,
अँधेरी रातों में, तेरी रौशनी है जगमगाई है।
तेरे संग मेरी धड़कन, तेरे आगे धरती रुक गई है,
जीवन की गाथा में, तेरे ही साथ, हर एक पल जिया है।
जागे सोए हैं रात भर, या सोते जगते हम,
तेरी यादों में ही हम खोए हुए हैं।
तेरे नगमों के लिए, हम तो ज़माने से दूर,
तेरी यादों में ही जी रहे हैं हम।
मुझमें तुम छाये हो या मैं तुम्ही में डूबा हूँ,
रहा नहीं मेरा दिल मुझ में, रहता है तेरे दिल में।
कुमार
बस आंखो के हुबहु हालात से रूबरू हो रहा है दिल।
दिल महसूस कर रहा है आंखो के आंसुओं को।
आनेवाले पल से दिल डर महसूस कर रहा है, ना जाने क्यों हम इतना प्यार कर बैठे आप से।
दिल महसूस कर रहा है आंखो के आंसुओं को, क्योंकि आँखें बता रही हैं दिल की हालत को।
बस आंखो के हुबहु हालात से रूबरू हो रहा है दिल।
दिल यादों के ग़म से भरा है, मन उसे भुलाने की पूरी तैयारी में लगा है।
पर मन की बात इतनी आसानी से सुनु इतना कमजोर भी नहीं हुआ दिल अभी ।
इसलिए आंखो के हुबहु हालात से रूबरू हो रहा है दिल।
इस तनहाई को दूर भगाने की तैयारी में है दिल। लेकिन यादें मुझे फिर वही बिठा दे रही हैं।
तेरी हंसी परेशान कर रही क्योंकि मैं ढूंढ रहा हूँ उसे। इतना भी मत रुलाओ अब।
बस एक बार रोंद दो ये मेरा दिल को जो फूल बन गया है।
आँख नम से चमक रही है, उन आंसुओं में धुंधला हुआ तेरा चेहरा नजर आ रहा है।
बस आपको भूलना चाहते हैं,पर यादें आपको भूलने देती नहीं।
खुद में भी आपको ही ढूंढ रही है मेरा आईना बस।
दिल महसूस कर रहा है आंखो के आंसुओं को।
इन यादों को खत्म करने हम आये थे आप से मिलने आखरी बार आपके शादी में,
सोचे थे कि आपको लौटाकर जाऊंगा इन यादों के बक्से को।पर आपकी खुशी देखकर हम लौट गए। और ले गए एक और अखिरी याद वोही बक्से में।
अगर जिंदगी ने कभी आपसे भी खफा हो जाये तो याद कीजिए हमें, हम आएंगे अपनी यादों की बारात को लेकर। बस ये याद रखिए अपने दिल कहीं कोने में हमने अपना पता लिखे छोड़ा है।ढूंढने की हिम्मत आप पे छोड़ी है।
बस यही दुआ कर रहे हैं कि आपकी सांस की इन सफेद बादल जल्द ही बारिश बनकर गिर न जाए।
ऐसा हुआ तो मुश्किल होगा इस दुनिया पहचान ना की हम भी रो रहे है ।
बस इन्हीं यादों में दिल महसूस कर रहा है आंखो के आंसुओं को।
बस आंखो के हुबहु हालात से रूबरू हो रहा है दिल।
कुमार
जागे हैं देर तक, हमें कुछ देर सोने दो,
थोड़ी सी रात और है, सुबह तो होने दो।
आधे अधूरे ख्वाब जो पूरे न हो सके,
एक बार फिर से नींद में वो ख्वाब को सजाने दो।
धुंधली सी राहों में खो जाते हैं हम,
ख्वाबों के बीच खो जाते हैं हम।
जीवन के सफर में उलझनों की भरमार,
इस उधारी रात में खो जाते हैं हम।
प्यार के जज़्बात, रिश्तों की बंधनों में बांध जाते हैं हम।
हैरानी में भटक जाते हैं हम।
आँखों में सपनों के गहरे समंदर,
जज़्बातों के तूफ़ान लहराते हैं हम।
परिंदों की तरह खुल के उड़ने की चाह से,
आसमान के ऊँचाइयों पर चढ़ जाते हैं हम।
जीवन के सफर में जो साथ आते हैं,
उन ख्वाबों को पूरे करने में लग जाते हैं हम।
एक बार फिर से नींद में वो ख्वाब को सजाने दो।
हर राह पर चलते हुए, हर पल बिताते हुए,
जीवन के सफर में, खो जाते हैं हम।
आशाओं के दरिया में बहते हुए,
ख्वाबों के सागर में डूब जाते हैं हम।
कुछ पल कट जाएं भी, बस तुम साथ रहो,
जीवन के सफर में आगे बढ़ते जाते हैं हम।
आधे अधूरे ख्वाब जो पूरे नहीं हो सके,
फिर से नींद में वो ख्वाब सजाने दो।
दर्द भरी रातों में जो अँधेरा छाए,
उस अँधेरे को दिन में रौशनी बनाने दो।
उम्मीदों की किरणों से जब जीना हो,
ख्वाबों को हकीकत में जीने दो।
हार नहीं मानने की दास्तां कहें,
ख्वाबों के परचम को फहराने दो।
जब तक जीवन की राहों में साथ रहें हम,
हर यूँ ही सांसों में वो ख्वाब बसाने दो।
अधूरी सी यादों को साथ लेकर,
पलकों की चुपचापी में समाने दो।
कुछ अनसुने गीत हैं जो सुनाने हैं,
उन गीतों को सपनों में भुलाने दो।
जब तक जीवन की राहों में साथ रहें हम,
हर उधारी हुई सांसों में वो ख्वाब बसाने दो।
आधे अधूरे ख्वाब जो पूरे नहीं हो सके,
फिर से नींद में वो ख्वाब सजाने दो।
कुमार